किरठल गाँव में आज से लगभग १०० साल पहले (सन १९००) १००-१५० से अधिक जैन परिवार रहते थे| जैन धर्म के २ प्रमुख संप्रदाय : दिगम्बर और श्वेताम्बर को मानने वाले जैन परिवार आपस में पूर्ण समरसता, परस्पर सहयोग और निस्वार्थ रहते हुए अपने व्यवसाय और खेती में लगे थे| जैनों की इतनी संख्या होने के कारण यहाँ लगभग १०० वर्ष पूर्व (१९०० से १९१०) श्री दिगम्बर जैन मंदिर जी का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ और वर्तमान में जो श्री दिगम्बर जैन मंदिर जी आपके दर्शन के लिए एक तीर्थ के रूप में अटल स्थापित हैं वह एक निरंतर प्रयास और अनेको बार जीर्णोधार का फल हैं| सटीक जानकारी के लिए हम आज भी प्रयासरत है और कोशिश कर रहे है की इसके निर्माण और पुनरुद्धार की सही समय को हम अभिलेख के रूप में सहेज सके| आपका सहयोग प्रार्थनीय हैं|
श्री जैन स्थानक का निर्माण भी लगभग ५० वर्षो पूर्व हुआ और वह आज भी जैनों की श्रद्धा और विश्वास के रूप में हमारी धरोहर के रूप में हमारी प्रेरणा स्रोत बनी हुई है| सटीक जानकारी के लिए हम आज भी प्रयासरत है और कोशिश कर रहे है की इसके निर्माण और पुनरुद्धार की सही समय को हम अभिलेख के रूप में सहेज सके| आपका सहयोग प्रार्थनीय हैं|